- 32 Posts
- 31 Comments
देश की राजधानी दिल्ली में एक लड़की के साथ पांच लोग मिलकर गैंग रेप करते हैं बाद में उसे बुरी तरह मारते पीटते है….इस घटना के बाद पूरे दिल्ली समेत देश को शर्मशार होना पड़ता है कि आखिर हम कैसे समाज में रह रहे हैं……क्या यही दिन देखने को बच गया था….ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि क्या जब देश की राजधानी ही महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है तो बाकी राज्यों और उनकी राजधानियों का क्या….. इसके अलावा यह घटना हमारे समाज और वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ी कर रही है….समाज से सवाल यह कि आखिर हम क्या सोचते है….. और शिक्षा पर सवाल ये कि कैसी शिक्षा दी जा रही है हमारे समाज में….हमारे स्कूलों में…..अभिभावकों द्वारा…..जो लड़की आज पीड़ित है और जो उसका हाल बनाया है उन पांच दरिंदों ने…..रोना आता है….एक मानव और पुरुष कहने में अपने आप को…..लड़की आज बोल नहीं पा रही और उसे अपना दर्द लिखकर बयां करना पड़ रहा है….मेरे ख्याल से पीड़िता के सामने उन दरिंदों के मां बाप को ले जाना चाहिए….फिर मुक्षे लगता है कि वो भी पीड़िता के दर्द को देखकर यही कहेंगे कि तत्काल उनके कपूतों को फांसी पर लटका देना चाहिए….खैर सजा तो मिलेगी ही इतना तो भारतीय न्यायप्रणाली पर विश्वास है ही…..लेकिन इन सबके साथ एक सवाल और पैदा होता है कि आखिर क्या हम ऐसी किसी घटना के होने का इंतजार करते रहते है कि ऐसी घटना हो और फिर उस पर वाद-विवाद हो….चर्चा हो उसके बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जाए या फिर ऐसी घटनाओं से निबटने के लिए कानून बनाया जाए……क्यों……आज राज्य सभा में जो हुआ……क्या ऐसा हमेशा होना चाहिए……अगर नहीं तो हमे आज सोचना होगा और इस घटना से बजाए मुंह चुराकर जिम्मेदारी लेनी होगी कि ऐसा हमारे बेटी और बहनों के साथ भी हो सकता है…..बेशक अब हम कुछ नहीं कर सकते….उस पीडिता का दुख नहीं कम कर सकते….लेकिन ऐसा कल तो तैयार कर सकते हैं जो भविष्य में बेटियों और लड़कियों को इज्जत की नजर से देख सके….कानून बनाने से बढ़ियां होगा कि हम अपने-2 लाड़लों को इतना जरुर सिखाए कि आखिर हमारे समाज में लड़कियों को किस नजर से देखा जाना चाहिए….स्कूल कॉलेजों में सिखाया और पढ़ाना होगा…..कि लड़कियों को एक मां बहन न सही लेकिन मानवता का पाठ…..सही गलत का तो पाठ सिखा ही सकते हैं……कुछ भी हो जो हुआ….उसने असम की घटना याद दिला दी…….
Read Comments