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पता नहीं लोग अपने दुख से दुखी नहीं बल्कि दुसरों के सुख से दुखी क्यों होते हैं……. क्यों उन्हें दुसरों की खुशी रास नहीं आती…… बात यहां थोड़ी सी हटकर है… मामला ही कुछ ऐसा है…. एक लड़का जो अपनी बड़ी से उसकी आजादी पर पाबंदी लगाता है कि…. तुझे इससे नहीं मिलना, उससे नहीं मिलना, ये नहीं करना और वो नहीं करना……… लेकिन वो जो कर रहा है उसका क्या…… आज के इस जमाने में भी इस तरह के मानसिकता वाले लोग….. वो भी देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 35 या 40 किमी दूर के क्षेत्र में….. आखिर क्या हो गया है…… इस पर सोने पर सुहागा ये कि उस लड़के के मां-बाप भी उसका साथ देते हैं…. आपको यकिन नहीं होगा… वो अभी नाबालिग है….. लेकिन उसकी सोच शायद….. पता नहीं ऐसे कैसे बनी…… बात लड़की की….. वो लड़की पिछले चार दिनों से बेड पर है…… और वो अपने घर से करीब 250 किमी दूर पीजी में रहकर पढ़ाई कर रही है….. शायद उसे कॉलेज का कुछ काम था…… बेचारी चार दिन से बेड पर और उपर से चलने फिरने में चक्कर आना……. वो कॉलेज के काम से अपनी सहेली के घर जाती है और जब आने में असमर्थ होती है तो उसकी सहेली का भाई उसे घर तक छोड़ने आता है….. लेकिन उस अभागी लड़की का कोई रिश्तेदार उन दोनों को बाईक पर देख लेता है…. और फिर क्या…….. जिसका डर था…. वो बात हो गई…… बात यहां से वहां……. फोन पे फोन…. अब एक बात और कि जब लड़की की तबियत खराब रहती है तो वो अपनी मम्मी को या घर पर नहीं बताती क्योंकि सोचती है कि शायद घर वाले टेंशन करेंगे…. लेकिन जब बाईक वाली बात वहां पहुंचती है तो हंगामा…… बेचारी को सुनना पड़ता है कि तू वहीं जहर खा ले….. अब आपलोग बताईये कि बेचरी पर क्या बीत रही होगी जो ऐसी परिस्थतियों में घर से इतनी दूर अपना फ्यूचर बनाने में लगी हुई है…… क्या बीत रही होगी उस लड़की पर……. कहां जा रहा है हमारा समाज…… उस लड़की के मां के बारे में बताउं तो आप देखोगे तो लगेगा कि फिल्म स्टार रणवीर कपूर की मां नीतू सिंह हैं वो…….. लेकिन सोच.. पिछले 100 साल से भी पुरानी……. मैं ये सब इसलिए जानता हूं कि वो मेरे ही कॉलेज में पढ़ती है और मुझसे सब शेयर करती है…… मैंने कहा कि मैं आपकी मम्मी से बात करुं तो कहती है…… सुनामी आ जाएगी……. खैर………… भगवान उसको उसकी काम में सफलता दिलाए…. और क्या… कह सकते हैं हम और आप………..
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